जिंदगी की राहें
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Friday, December 27, 2019
असर
ज़ीरो डिग्री पर जम जाना
रूम टेम्परेचर पर पिघल जाना
सौ पर खौलने लगना
तापमान का ये प्रतिकारक असर
परिवर्तित होता रहता है
स्थिति के अनुरूप
लेकिन
स्नेह कि
अजब-गजब अनुभूति
रहने नहीं देता एक सा तापमान
एक हलकी सी स्मित मुस्कान
और फिर
भरभरा कर गुस्स्से से चूर व्यक्ति
टप से बहा देता है नदी
या फिर कुछ ठंडे बर्फ से एहसास
पिघल ही जाते हैं
एक हल्के से
प्यारे स्नेहिल स्पर्श से ...
~मुकेश~
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