जिंदगी की राहें

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Thursday, June 24, 2010

ये दिल्ली है मेरी जान


ये दिल्ली है मेरी जान 
चौड़ी सड़कें 
फिर भी सरसराती
बी.एम.डब्लू. 
के नीचे जाती मेहनतकश की जान



ये दिल्ली है मेरी जान 
रोड़े पत्थर का जंगल 
और प्रदुषण 
फिर भी 
सबसे हरियाली राजधानी की पहचान


ये दिल्ली है मेरी जान 
एक तरफ पैसे की चकाचौंध 
दूसरी तरफ 
दिखती मौत का तूफान


ये दिल्ली है मेरी जान 
नेताओं के चकाचक कुरते 
और उस सफेदी के पीछे 
छिपी काले कुत्ते के अरमान 


ये दिल्ली है मेरी जान 
दूर से दिखता पार्लियामेंट हाउस 
पर ये नहीं दिखता 
की उसके अन्दर लड़ते हैं 
मानव खाल में मिक्की माउस


ये दिल्ली है मेरी जान 
कोई तन को ढक नहीं पाता
क्योंकि नहीं हैं कपडे  
कोई तन को नहीं ढकता 
क्योंकि 
बनाना है पेज - ३ की शान


ये दिल्ली है मेरी जान 
विकास के नाम पर 
क्या नहीं कर रही सरकार 
पर सब बेकार 
क्योंकि  
आम आदमी महंगाई से परेशान


ये दिल्ली है मेरी जान 
जहाँ की दिल्ली पुलिस 
कहती है
विथ यू, फॉर यू, always !
लेकिन फिर भी लुटती है
लड़कियों की अस्मत, और जाती है
साधारण लोगो की जान


ये दिल्ली है मेरी जान 
कहने को है  
"दिल वालो की दिल्ली" 
लेकिन सब चुप होते हैं 
जब हादसे में रूकती है
किसी की धड़कन


ये दिल्ली है मेरी जान 
जहाँ जिंदगी देती है इतनी दर्द 
फिर भी दिल में  
उम्मीद रहती है सर्द 
आखिर कभी तो वो होगा 
जब जीतेंगे जहान..............:)

Thursday, June 17, 2010

"समय"


"समय"
जिसमे है सिर्फ तीन अक्षर
जो है एक छोटा सा शब्द मात्र
लेकिन है इसमें समाहित
अति विशाल शक्तियों को
समेटे रखने वाला पात्र
जड़ जगत के जीव सर्वत्र
नाचते हैं, गाते हैं...
इसके धुरी पर हो कर एकत्र.........!!!

इसके गति के साथ
जिसने भी बैठाया ताल-मेल
सफलता की बुलंदियों पर
पहुंचा बन कर सुपर मेल
परन्तु, हम जैसे साधारण लोगो की सोच..!
हमारे लिए तो ये वही है
पसेंजेर, वही रलेम-पेल!!!!!!!!!!




Monday, June 7, 2010

काली रात


वो काली और गाढ़ी रात
पर नींद नहीं आँखों में ........
कड़कते काले बादल
 इस सुनसान गगन में.........
इठला कर चमक रही है बिजली
जैसे आग लगने वाली हो तन मन में..........
सो रहे हैं सब
लेकिन इस ख़ामोशी में भी
कोलाहहल सा हो रह है मन में.......
किसपे चिल्लाऊं
किसको बुलाऊं
इस सूनेपन में........
सितारे भी तो नजर
नहीं आते इस गगन में.........
क्या यही है जिंदगी
ऐसे ही कुछ सवाल
उठ रहें हैं मन में
कौंध रहे हैं मन में............