जिंदगी इतनी आसान तो नहीं
जरुरी है ऑक्सीजन व भोजन
प्यास भी लगेगी ही
बिन साँसों के जी सकते हैं क्या?
वैसे ही कोर ऑफ़ द हार्ट में
संजोये तुम्हे जी रहें हैं न !
यानि जीने की बुनियादी जरुरत
मेरे लिए
भोजन, साँसे और
यादें, वो भी सुनहरी वाली !
जरुरी है ऑक्सीजन व भोजन
प्यास भी लगेगी ही
बिन साँसों के जी सकते हैं क्या?
वैसे ही कोर ऑफ़ द हार्ट में
संजोये तुम्हे जी रहें हैं न !
यानि जीने की बुनियादी जरुरत
मेरे लिए
भोजन, साँसे और
यादें, वो भी सुनहरी वाली !
याद है, होने पर बुखार
मैया सुलाए रखती दिन भर
नहीं मिलता था खाना तक
कहती पियो बार्ली या होर्लिक्स
फिर वो प्रेम का फीवर
कहाँ था इतना आसान
डिग्री फोरेनहाइट में तरंगित होता अहसास
जलते नंबर टेन सिगरेट का
फ़िल्टर रहित धुंआ
अन्दर तक जला देने वाली क्षमता
फिर एक अजीब सी शांति
श्वांस नली से फेफड़े फिर दिल तक!
मैया सुलाए रखती दिन भर
नहीं मिलता था खाना तक
कहती पियो बार्ली या होर्लिक्स
फिर वो प्रेम का फीवर
कहाँ था इतना आसान
डिग्री फोरेनहाइट में तरंगित होता अहसास
जलते नंबर टेन सिगरेट का
फ़िल्टर रहित धुंआ
अन्दर तक जला देने वाली क्षमता
फिर एक अजीब सी शांति
श्वांस नली से फेफड़े फिर दिल तक!
उसकी याद और संजोया प्रेम
प्रेम के ताप से अब तक दहकता बदन
दो जोड़े होंठ
उसके बीच का विधुर्वी चुम्बकत्व
ऐसे जैसे कम्पास सुई को रखो कैसे भी
दिशा उत्तर दक्षिण ही दिखाएगी
है न सच!
वो उत्तर, मैं दक्षिण
बहुत दूर - बहुत पास !
प्रेम के ताप से अब तक दहकता बदन
दो जोड़े होंठ
उसके बीच का विधुर्वी चुम्बकत्व
ऐसे जैसे कम्पास सुई को रखो कैसे भी
दिशा उत्तर दक्षिण ही दिखाएगी
है न सच!
वो उत्तर, मैं दक्षिण
बहुत दूर - बहुत पास !
अजब गजब प्रेम का बुखार !
~मुकेश~
Hamming bird on palm :) |
6 comments:
agab gajab prem ka bukhar .... accha hai ..
bahut badhiya ....
हथेली पर हमिंग बर्ड बहुत सुन्दर हैंः)
उत्तम रचना
prem ka bukhar yesa hi ajab-gajab to hota hai...umda.
वाह। आपकी रचनाये सृजन के लिए प्रेरित करती रहीं हैं. बहुत सुन्दर और सार्थक रचना.
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