सबने न सही
अधिकतर ने कहा
रुको थमो देखो
रखो सब्र
करो इंतज़ार
बदलाव की बयार बहने ही वाली है !
हाँ दिखने लगा है सब
चीखने लगे है आज कल
जरुरत से
थोडा ही ज़्यादा
चमकेगा-दमकेगा
दूर से ही देख लेना
बदलाव की बयार बहने ही वाली है !
हो रही है कोशिश
समझौतों की
रंग बदलते कुर्तों के साथ
बेशक हो रहें हैं असफल
तो भी ढोलक की थाप
बदलाव तो लाती है
हाँ कानो में रुई लगाने का
है न आप्शन
ताकि फ़िल्टर ध्वनि
दे पाए सुकून
बदलाव की बयार बहने ही वाली है !
बदलेगी आबादी
बदल जायेंगे गुनाह
होगी एक लम्बी फेहरिश्त
बदलेंगे वादे
बेशक वो हो झूठे व फर्जी
पर उम्मीदें बनी रहेंगी
ताजा! टटका!! मासूम!!!
बदलाव की बयार बहने ही वाली है !
मिल गया मंगल
अब आज मंगल
कल मंगल
मंगले मंगल
बस...
हम सबकी शुभिच्छा
हमारी सारी कामनाएं
बदलते सोच के साथ
होने लगीं हैं तृप्त!!
चिंता न करो
बदलाव की बयार बहने ही वाली है !
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बस ऐसे ही सिर्फ एक कविता !!
9 comments:
sach me badalav ki bayar aayee to hai ..
बहुत खूब
अच्छी है.....
शुभकामनाएं...
अनु
बदलाव की सकारात्मक सोच से भरी एक खूबसूरत रचना
Har baar hawa apni chaal badlti hai aur badlaav le aati hai ...sundar rachna
Sundar
Sundar
भाव-प्रवण रचना। मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
Aasha jagati soch se bhari yek khubsurat rachna.....
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