चालीस के बाद, पचास के पहले
है एक अलग सा उम्र डगर
जब तय कर रहा होता है पुरुष मन !
होती है जिंदगी के राहों में
उच्छ्रिन्खल व उदास मध्यांतर !!
शारीर तय कर रहा होता है सफ़र
निश्चिन्त शिथिलता के साथ
ढुलमुल पगडंडीयों पर !!
मन कभी कभी कहता है
जवान होते बेटे की
लिवाइस जींस व टी शर्ट को
करूँ एक आध बार ट्राय
लोटटो के स्पोर्ट्स शूज के साथ पहन कर !!
पर, ये बात है दिगर
वही मन, उसी समय समझाता है
छोडो ये सब, चलों चले
कुछ फॉर्मल या लम्बा कुर्ता पहन कर!!
इसी उम्र में, होती है अजीब सी चेष्टा
युवती को सामने देख
करते हैं कोशिश, हो जाए सांस अन्दर
ताकि दिख न पाए ये उदर !!
कानों के ऊपर, सफ़ेद होते बालों की चमक
हर नए दिन में कह ही देती है
लानी ही पड़ेगी, गार्नियर हेयर कलर !!
बातों व तकरारों में हर समय होता है विषय भोजन
ब्लडप्रेशर व शुगर के रीडिंग पर पैनी रहती है नजर
कभी सोया या सूरजमुखी आयल की प्रीफेरेंसेस
तो कभी करते हैं मना, मत दिया करो आलू व बटर!!
पर फिर भी नहीं रख पाते ध्यान
बढ़ रहा होता है बेल्ट व पेंट का नंबर
चश्मे के पावर की वृद्धि के समानुपाती
होती है, अन्दर घट रहा शारीर का पावर !!
उम्र का ये अंतराल, है एक रेगिस्तानी पडाव
जब होता है अनुभव, होता है वो सब
जो हासिल करने की, की थी कोशिश हरसंभव
जो भरता है आत्मविश्वास, रहती है मृगतृष्णा
पर फिर भी, दरकती है उम्मीदें
काश!! और भी कुछ! बहुत कुछ !!
चाहिए था होना, कोसते हैं खुद को
काश कुछ और कोशिशें कामयाब हो जाती !
चलो अगले जन्म में,
पक्का पक्का, ऐसा ही कुछ करना !!
सुन रहे हो न रहबर !! !!
25 comments:
अधेड़ उम्र का सुन्दर चित्रण !
मैं
ईश्वर कौन हैं ? मोक्ष क्या है ? क्या पुनर्जन्म होता है ? (भाग २ )
गज़ब का लेखन , मुकेश सर धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
गजब ... सरल शब्दों में जिन्द्गी के एक विशेष मोड़ को खूबसूरती से उभरा है आपने .. हर आम आदमी की इच्छा .. :) चलो रहबर .. बढ़ो ..
उम्र का ये अंतराल, है एक रेगिस्तानी पडाव
जब होता है अनुभव, होता है वो सब
जो हासिल करने की, की थी कोशिश हरसंभव
जो भरता है आत्मविश्वास, रहती है मृगतृष्णा
पर फिर भी, दरकती है उम्मीदें
.... बेहद सहज़ता से हर एक पहलू को पंक्ति-दर-पंक्ति उतारा है आपने जिंदगी के इन उतार-चढ़ावों को
बेहतरीन अभिव्यक्ति
संजीदगी से उकेरे गए भाव .... सधे और यथार्थ शब्द
वाकई सच है -- सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर ----
आग्रह है
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (21-08-2014) को "लेखक बनाने की मशीन" (चर्चा मंच 1712) पर भी होगी।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर अभिव्यक्ति --आजकल जीवन पचास पार फिर शुरू हो जाता है.There is another life ahead :)
जिया तो मन से जाता है--
उम्र की कोई उम्र नहीं होती,बाकी तो ऊपरी दिखावे-पहनावे हैं.
"चालीस के बाद और पचास से पहले " शीर्षक की परिपूर्ण मनोव्यथा उद्वेलित करती रचना.....बहुत सुन्दर भाव व प्रस्तुति !!
क्या बात है.... हर चालीससाला व्यक्ति के मनोभाव हैं ये. बधाई.
भई वाह !
मस्त रचना है , बधाई !!
आपकी लिखी रचना शनिवार 23 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आपकी लिखी रचना शनिवार 23 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
उम्र का ये अंतराल, है एक रेगिस्तानी पडाव
जब होता है अनुभव, होता है वो सब
जो हासिल करने की, की थी कोशिश हरसंभव
जो भरता है आत्मविश्वास, रहती है मृगतृष्णा
पर फिर भी, दरकती है उम्मीदें
हालाँकि इस उम्र में अभी समय लगेगा लेकिन अंदाज़ा जरूर है की ऐसा ही कुछ आगे होगा ! अधेड़ उम्र की "बीमारियों " का सुन्दर लेखा जोखा दिया है आपने मुकेश जी
sundar abhivyakti ..waah
सच रेगिस्तानी पडाव ही है उम्र का ये अंतराल ....
बेहतरीन
बहुत ही उम्दा रचना ..उम्र के पडाव का सजीव चित्रण
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 25 . 8 . 2014 दिन सोमवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
badhiya...
जिंदगी के इस उम्र के पड़ाव को काफी खूबसूरती से आपने बयाँ किया है--गहन विचार
This age in fact is transitory, and the man starts maturing. You lose some but proceed to experience much grander. Real life is waiting- able to depict some of the finest thoughts. Regards.
आपकी रचनाओं की यही ख़ासियत है, कि आप उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ लिखते हैं...ना तो किसी पात्र की झूठी तारीफ और न ही निरर्थक बुराई..जो भी, जैसा भी है, ठीक वैसे ही ! यह रचना भी, उसी का साक्ष्य है !
bahut hi sunder pradtutikaran
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