भैया !!
देना एक छोटी गोल्ड फ्लेक
एक मेंथोल
टॉफी भी
सररर…….
माचिस के
तिल्ली की आवाज
अंदर की और
साँस
और फिर धुएँ
का छल्ला
मिलता-जुलता
म्यूजिक भी
"सिगरेट के धुएँ का छल्ला बना कर"
ऐसा ही होती
है न
शुरुआत
स्मोकिंग की
सब कुछ
परफेक्ट
.
पर कितना
अजीब है न
ये धुआँ भी
अगर आँखों
में लगे
तो लगता है
जलने
पर श्वांस
नाली के द्वारा
अंदर जाकर
यही धुआँ
जब पहुँचता
है फेफड़े तक
बेशक इसको
देता है जला
पर एक अतृप्त
नशा
कुछ क्षणों
का अहसास
दे जाता है
अंदर तक जलने
की क्षमता
.
हाँ ये बात
है अलग
यही अंदर तक
जलाने की
लगातार कोशिश
जब लाती है
रंग...
अरे रंग नहीं बदरंग
खराश, खाँसी, हिचकी
छाती में
दर्द
कैंसर या फिर
अंततः मौत
.
लेकिन फिर भी
कुछ नहीं
बदलता
बस एक उस
इन्सान
और उसके
विरासत को
मिलता है
दर्द
बेपनाह दर्द
जो नहीं बदल
पाया आदत
स्मोकिंग की
आदत
.
बदलोगे?
अब तो बदल
पाओगे?
बदल लेना......
47 comments:
umda.... anubhuti evam abhivyakit
vijay
ऐसी आदतें आसानी से नही छूटा करतीं।
smoking is d worst habbit evry1 shud be away from it ...my husband was chain-smoker n he had 2 pay for it ...bhut hi steek rachna Mukesh ji .
स्मोकिंग स्वस्थ के लिए हानिकारक है ...बहुत बढ़िया तरीके से अभिव्यक्त किया है आपने मुकेश ..
सार्थक अभिव्यक्ति ....
....इस बुरी आदत से छुटकारा पाने के लिए दृढ़ संकल्प की ही जरुरत होती है!
...इस बुरी आदत से छुटकारा पाने के लिए दृढ़ संकल्प की जरुरत होती है!
लेकिन फिर भी
कुछ नहीं बदलता
बस एक उस इन्सान
और उसके विरासत को
मिलता है दर्द
बेपनाह दर्द
जो नहीं बदल पाया आदत
स्मोकिंग की आदत............ bahut umda .........aajkal gujar rahi hu isi dard se .......... mere bro jo smoking karte they aaj cancer se lad rahe hain ........... very nice post
सावधानी हटी ,दुर्घटना घटी ....
सार्थक लेखन
सार्थकता लिये सशक्त लेखन ...
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने
jaise tasveer k do rukh hote hain u hi har cheez ke do effect hote hain...acchhe me dekho to gam ko udane me dhuain ka koi jawab nahi...aur gar dhuan zindgi ko dhuan dhuan n kar de to iska bhi koi sani nahi.
बहुत अच्छे विचारणीय मुद्दे पर लिखी शानदार रचना के लिए बधाई सब कुछ जानते हुए अपने को मौत के मुह में धकेल देते हैं ना जाने ऐसा क्या है इस कमबख्त धुएं में
मार्मिक अनुभव, अच्छी नसीहत, सधी लेखनी.........कुल मिलकर सार्थक अभिव्यक्ति!
कोई नहीं बदलता , जिसमें खुद को बदलने की क्षमता होती है वे ऐसे काम नहीं करते . फिर चाहे मौत आये या फिर कैंसर की असहनीय पीड़ा को सहना पड़े
ये तो डरा दिया अब लोग फ़िक्र को धुंवे में कैसे उड़ायेंगे ?
सार्थक संदेश देती अच्छी रचना
कविता पढ़कर गाने की पंक्तियाँ याद आ गई ..
...हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया.....
अरे नादाँ यह क्यों नहीं समझता फ़िक्र तो उड़ रही है पर हरेक काश के साथ मौत अंदर जा रही है ...
बहुत ही प्रभावशाली रचना, मुकेश जी .
aadat koi bhi ho buri hoti hai ...specially smoking ....smoke karne wala to uske bure parinam bhugat te hain par unn ke saath rahne wale bhi ....so i hate smokers
nice message ....
"cigarette smoking is injurious to health "
:)
एक बहुत जरूरी सन्देश बहुत ही प्रभावी ढंग से दिया है.
सही कहा...बदलना चाहोगे तभी तो बदल पाओगे.
Mukesh ji ..kaash iss sandesh par amal bhi kar paate log..
लेकिन फिर भी
कुछ नहीं बदलता
बस एक उस इन्सान
और उसके विरासत को
मिलता है दर्द
बेपनाह दर्द
जो नहीं बदल पाया आदत
स्मोकिंग की आदत.....
सचेत करती अच्छी रचना ....कैसी अज़ब बात की हम स्वेच्छा से अपने व् अपने परिवार के लिए बेशुमार परेशानियों की नींव खुशी और गर्व के साथ डालते हैं ...
ज्वलंत विषय चुनने हेतु मुकेश जी साधुवाद .. !!
जो इस लत के शिकार हैं वो इसको पढ़ने वाले नहीं....
सब जानते हैं नशा जानलेवा है मगर फिर भी करते हैं.....
सार्थक रचना मुकेश जी..
अनु
काश ये विरासत का सच इन शौकीनों को समझ आ जाए ... बहुत अच्छा लिखा है ... शुभकामनाएं !!!
सार्थक रचना...
एक सन्देश देती सफल कविता |उम्दा प्रस्तुति |
आशा
बेहतरीन और दमदार रचना।
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 06-12 -2012 को यहाँ भी है
....
सफ़ेद चादर ..... डर मत मन ... आज की नयी पुरानी हलचल में ....संगीता स्वरूप
. .
धुएं से धुंआ होती जिंदगी ....
मगर कभी लगता है जो नहीं पीते सिगरेट , उनकी भी तो बिगडती है..
सार्थक सन्देश !
dhuyen ke chhalle ke baad mint flavor... aur aapki kavita... waah kumar saab waah !
बेहद सशक्त रचना !!!
mukesh .bahut badhiya , sach kaha parantu aisi aadat chodana mushkil bhi nahi
उड़ते धुएं के साथ साथ ज़िन्दगी भी राख होती चली जाती है,,काश ये बात... सही मायनो में समझ पायें हर तबके के लोग... और आपकी रचना ऐसा कर पाने में सक्षम है... ऐसी जागरूकता का प्रसार करती कलम को हार्दिक शुभकामनायें....:)
jin logo ko ye adat hai....wo jante hain iskay effects ko fir bhi kyu karte hain smoking ????
बेहतरीन...
jaanboojh kar jo maut ke muhn mein pravesh kare use kaun bacha sakta hai.
yah buri aadat kitni sahaj roop se lag jaati hai ise bahut achche se bataya...sunder rachna.
दुनिया में तमाम ऐसी चीजें हैं जो हानिकारक हैं...पर शायद उनमें ही इंसान आनंद खोजता है...पल भर के लिए ही सही...
बहुत ही प्रभावी ढंग से दिया गया शानदार सन्देश
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 12/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
स्मोकिंग न जाने कितनो की जान ले चूका हैं अब तक ... एक सीख देती बेहतरीन पोस्ट।
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html
इक छल्ला
निमंत्रण देता हुआ ,
आलोकिक आनंद का ..
या फिर भरोसा दिलाता हुआ
की सिगेरट होंठ से लगा
और हसीं दिखोगे
सुलगता धुआं और जलती आग
तुम्हे मर्द बनायेगी.
इक छल्ला
शायद यह तुम्हे नहीं बताता
की उसने धुएं की दीवार के पीछे
तुम्हारे ही इन्तेज़ार में
बैठा रखी है
सुलगाती, सिसकाती
मौत
कई बार दमझते हुवे भी नहीं पडल पाता ये आदत इंसान ..
सार्थक रचना है ...
As I have already said...'Wise men think alike '...:)
too good -***
सूक्ष्म अवलोकन और सुन्दर चित्रण का एक बहुत ही अच्छा उदाहरण। बहुत ही अच्छी रचना।
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