जब बहुत देर से रोते शिशु को
मिल जाता है
ममत्वा भरा माँ का स्पर्श
वो बिना देखे खिलखिला कर
चहक उठता है ....
क्या यही होता है स्पर्श?
जब हारते हुए शख्स को
ममत्वा भरा माँ का स्पर्श
वो बिना देखे खिलखिला कर
चहक उठता है ....
क्या यही होता है स्पर्श?
जब हारते हुए शख्स को
उसके मित्र के हाथ का
हौशले से भरा स्पर्श
हौशले से भरा स्पर्श
यह कहता हुआ मिलता है
"अबकी तू ही जीतेगा यार!"
भर देता है उसमे अदम्य साहस
और जिजीविषा
क्या यही होता है स्पर्श?
जब कष्ट प्रद दर्द से
कराहते मरीज को
मिलता है आश्वासन और
प्यार भरा स्पर्श
"तुम्हारी लम्बी जिंदगी है!"
दर्द में भी ला देती है मुस्कान!!
क्या यही होता है स्पर्श?
जब रूठे हुए प्रेमिका के ओंठो पर
माफ़ी के चाशनी से लिपटी
प्यार भरे प्रेमी के ओंठ का स्पर्श
पिघला देती है..
उसके अभिमान का बरफ
क्या यही होता है स्पर्श?
जब शांत पत्नी के कानो के पोरों पर
होता है पति का कामुक स्पर्श
कर देता है उसको उद्वेलित
खिल उठता है उसका रोम रोम
खिल उठती है सम्पूर्ण नारी...
"अबकी तू ही जीतेगा यार!"
भर देता है उसमे अदम्य साहस
और जिजीविषा
क्या यही होता है स्पर्श?
जब कष्ट प्रद दर्द से
कराहते मरीज को
मिलता है आश्वासन और
प्यार भरा स्पर्श
"तुम्हारी लम्बी जिंदगी है!"
दर्द में भी ला देती है मुस्कान!!
क्या यही होता है स्पर्श?
जब रूठे हुए प्रेमिका के ओंठो पर
माफ़ी के चाशनी से लिपटी
प्यार भरे प्रेमी के ओंठ का स्पर्श
पिघला देती है..
उसके अभिमान का बरफ
क्या यही होता है स्पर्श?
जब शांत पत्नी के कानो के पोरों पर
होता है पति का कामुक स्पर्श
कर देता है उसको उद्वेलित
खिल उठता है उसका रोम रोम
खिल उठती है सम्पूर्ण नारी...
क्या यही होता है काफी जीने के लिए उसका स्पर्श
क्या यही होता है स्पर्श?
.
.
रोते हुए को सीने से लगाना
और फिर बेतहाशा आँशु बहाना
औए अंततः शुकून पा जाना
क्या यही होता है किसी अपने का स्पर्श
क्या यही होता है स्पर्श??
क्या यही होता है स्पर्श??
हाँ यही होता है स्पर्श - एक "छुअन"!!!
और फिर बेतहाशा आँशु बहाना
औए अंततः शुकून पा जाना
क्या यही होता है किसी अपने का स्पर्श
क्या यही होता है स्पर्श??
क्या यही होता है स्पर्श??
हाँ यही होता है स्पर्श - एक "छुअन"!!!
............................
अंत में ये कुछ पंक्तियाँ अपने ब्लोगेर्स बंधुओं के लिए:
जब ब्लॉगर के इंद्रजाल के पन्ने पर
पाठक की होती है आँख
और थिरकती हुई उँगलियों का
की-बोर्ड पर होता है स्पर्श
चाहे जैसे भी हो विचार...
एक आंतरिक ख़ुशी से
अतिरेक ब्लॉगर की सोच
फिर से चलने लगती है............
क्या यही होता है स्पर्श??
पाठक की होती है आँख
और थिरकती हुई उँगलियों का
की-बोर्ड पर होता है स्पर्श
चाहे जैसे भी हो विचार...
एक आंतरिक ख़ुशी से
अतिरेक ब्लॉगर की सोच
फिर से चलने लगती है............
क्या यही होता है स्पर्श??
67 comments:
तुमने कलम को , कलम ने कागज़ को और फिर जो उभर कर आया उन शब्दों ने हमारे मन को ''स्पर्श '' किया..
..हर paragraph में जो चित्र उभारे हैं तुमने.... सजीव हो उठे हैं... अच्छा लगा ...फिर वही कहूँगी... लिखते रहना...
मुकेश भाई आपने स्पर्श को परिभाषित कर दिया.. इसके विभिन्न आयामों को अभिव्यक्त कर दिया है.. आज तक की आपकी कविताओं में सर्व्श्रेस्थ.. स्पर्श को नए सौंदर्य में देख रहा हूँ मैं..
एक अलग सी बात ने भी'' स्पर्श ''किया ... ये स्पर्श हमेशा सुखदाई ही होता है.क्या?..ब्लेड से नब्ज का स्पर्श , गले से नशे का स्पर्श या फिर दुर्योधन के द्वारा द्रौपदी के चीर का स्पर्श ...भी हुआ था ना...
..कभी लिखना ...
स्पर्श के विभिन्न आयामो के खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर भावप्रवण रचना. आभार.
सादर
डोरोथी.
सुन्दर अभिव्यक्ति मुकेश जी।
वह जो जीने के नए आयाम दे , जो खोई मुस्कान लौटा दे, जो भूख जगा जाये, जो हर थकान में नई उम्मीद दिखा जाये ,वही स्पर्श है , बस वही स्पर्श है
स्पर्श की भाषा को एक नया आयाम दिया है…………जो दिल को छू जाये बस वही होता है स्पर्श्।
निश्चित रूप से हमें अगर भावनापूर्ण स्पर्ष मिले तो उत्साह बढ़ जात है !
@हाँ पुतुल जी............सही कहा आपने बस कलम और कागज के स्पर्श से सब संभव हो गया...
वैसे तो हर सिक्के के दो पहलूँ होते हैं, तो क्यूं गलाटी सोचें...........इसलिए सिर्फ अच्छी सोच लिखी...
@अरुण सर बहुत बड़ी बात कह दी आपने, मैं तो अपने को हवा में उड़ते हुए पा रहा होऊँ...:)
@डोरोथी इतनी खुबसूरत बात कहने के लिए धन्यवाद्............:)
@डॉ. दिव्या धन्यवाद्...........
@रश्मि दी स्पर्श को परिभाषित करने के लिए धन्यवाद्द.........
रचना के माध्यम से बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है आपने स्पर्श का ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
एक स्नेहिल स्पर्श सच ही सारे कष्ट भुला देता है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
iss sparsh ke ahsaas ko shayad aapse behtar koi nahi likh sakta tha..behdd umda.
@शुक्रिया वंदना जी!
@ जगदीश सर आपका उत्साह वर्धन करना अच्छा लगा...
@ सदा, संगीता दी आप दोनों को भी धन्यवाद्..
@ नीलू जी...अच्छा लगा आपका कमेन्ट...
क्या बात है सारे स्पर्श लिख डाले.
एक स्नेहिल स्पर्श सच में सारे कष्ट हर लेता है.
स्पर्श को परिभाषित करने के लिए प्रयास अच्छा है। कुछ कविता बन पाई है। पर स्पर्श के लिए जो बिम्ब आपने चुने हैं,वहां और सावधानी की जरूरत थी। खासकर प्रेमी-प्रेमिका और पति-पत्नी के बिम्बों के बीच। इन दोनों ही जगह आप थोड़े उथले पड़ गए।
*
और स्पर्श केवल भौतिक स्पर्श नहीं है,उससे गहरी चीज है। जिसमें आंखों का स्पर्श सर्वविदित है।
मुकेश भाई बिल्कुल सही लिखा आपने । एक स्नैहिल स्पर्श जितना शुकून देता हैँ काफी हैँ किसी भी पीड़ा को हरने के लिए । आभार मुकेश भाई !
-: VISIT MY BLOG :-
" नज़रेँ मिलाके ना नज़रे झुकाओँ.........गजल "
स्पर्श के विभिन्न आयामों के खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर भावप्रवण रचना. आभार.
सादर
डोरोथी.
मुकेश भाई!
आशीष!! पूरी कविता पढने के बाद जिस प्यार की बौछार ने स्पर्श किया है उसकी ऊष्णता इस भयंकर ठण्ड में भी महसूस कर रहा हूँ.. और दावे से कह सकता हूँ कि इस कविता ने अंतर्मन को स्पर्श किया है!! एक सवर्गिक स्पर्श!!
जीते रहो, भाई!!
स्पर्श का कोमल चित्रण, बहुत अच्छा।
बेहद ख़ूबसूरत व्याख्या है स्पर्श की....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
sparsh ko lekar ek bahut hi komal kavita.
सुन्दर अभिव्यक्ति...आप ब्लॉग पर आये मेरा हौसला बढाने के लिए धन्यवाद ...आपका हमेशा स्वागत है ......
Kya baat hai mukesh....bahut Khoob mere bhai kitna prayogvad hai tumhare vicharon....nayapan., aur sparsha ke bhi kitne rup hain ?...saduvad bhai.
बहुत सुंदर मुकेश जी //
स्पर्श .....वाह //
नया साल मुबारक हो //
"जब बहुत देर से रोते शिशु को
मिल जाता है
ममत्व भरा माँ का स्पर्श
वो बिना देखे खिलखिला कर
चहक उठता है ..."
सही कहा मुकेश भाई यही होता है स्पर्श जिसके सहारे स्नेह का प्रवेश होता है तन से होकर मन में.बन जाती है यह संजीवनी.सुंदर सोच से उपजी हुई.
बहुत अच्छे।
उसने मेरी अँगुली छूकर पूछा जब अहसास
मेरे मुख से बाहर निकली इक गहरी उच्छवास।
वंदना जी...हमने तो बस जो सोचा लिख दिया, अब वो आयाम बन पाया की नहीं, वो आप लोग जाने..:)
@हाँ बाली सर, सच कहा आपने...
@सदा, संगीता दी....धन्यवाद्....:)
@ इतना गुणी नहीं हूँ नीलम जी..........:)
@सरे स्पर्श नहीं लिखे शिखा, सिर्फ अच्छी सोच वाले लिखे हैं...:)
वाह...स्पर्श के इतने आयाम प्रस्तुत कर दिए आपने...बधाई.
नीरज
आदरणीय मुकेश जी
नमस्कार !
स्पर्श सच ही सारे कष्ट भुला देता है ..सुन्दर अभिव्यक्ति
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
Mukesh ji,
apne sparsh shabd aur usaki anubhuti ko bahut hi sahaj shabdon men vyakhyayit kar diya hai...sundar rachna.....
स्पर्श के हर आयाम को बहुत ही कुशलता से परिभाषित किया हैं....सुन्दर अहसासों से सजी कविता
@ राजेश भैया!! आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ! सच कहूँ, अब हमारा मन इतना परिपक्वा तो हुआ नहीं की हर बिम्ब को सही तरीके से परिभाषित कर पाए, बस एक कोशिश की है..............आप जैसे बड़े लोग अगर बराबर मेरी गलती निकालें तो सच में कभी मैं कुछ सही लिख पाउँगा....धन्यवाद्!
@डॉ. अशोक धन्यवाद्....आपके कमेंट्स के लिए,
@डोरोथी बड़ी प्यारी बात कही आपने.....शुक्रिया............
@बड़े भैया (बिहारी बाबु) कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी बातें दिल को छूती है...............उनमे से आप एक हो..........धन्यवाद्!!
स्पर्श की कोमल भावना के हर पहलू को जीवंत कर दिया इस सुन्दर कविता ने !
कविता का भाव पक्ष प्रबल हैं !
नव वर्ष की अग्रिम बधाई !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
बहुत खूब मुकेश !
नयी ऊंचाइयां पाने के लिए हार्दिक शुभकामनायें
bahut badiya Mukesh ji.....really gud.. :)
यही तो होता है स्पर्श...
हाँ यही तो होता है स्पर्श...
स्पर्श की इतनी सारी परिभाषाएं... बहुत खूब...
स्पर्श के महत्व को बेहद भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया है और अंत में लिखी पंक्तियाँ भी अनूठी हैं-
इंद्रजाल के पन्ने पर
पाठक की होती है आँख
और थिरकती हुई उँगलियों का
की-बोर्ड पर होता है स्पर्श..
-बहुत खूब अभिव्यक्ति है.
----------
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ मुकेश जी.
जब कोई दोस्त उसके ब्लॉग तक आये ,
और कहे कोशिश अच्छी है बड़ते चलो !
उसे सुन कर उसमे हिम्मत
खुद आ जाये ...........
हाँ दोस्त यही तो है सपर्श ?
बहुत ही खुबसूरत भाव !
बधाई दोस्त !
by email:
indu puri goswami
to me
show details Dec 29 (2 days ago)
आँशु नही 'आँसू ' 'शुकून' नही 'सुकून' बाकी अच्छा ही नही सुन्दर है ये रचना.स्पर्श को इसलिए सम्पूर्ण भाषा का दराज प्राप्त है.
सुन्दर!
अंतिम पंक्तियाँ भी विशेष पसंद आये.
शुक्रिया.....
शुभकामनाएं!!
bahut khoob..........
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ मुकेश जी.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ मुकेश जी.
@प्रवीण जी .........धन्यवाद्
@ वंदना महतो जी आपको भी नव वर्ष की शुभकामनायें.........
@मृदुला जी..........अच्छा लगा आपका आना...
@मंजुला जी...ब्लॉग पे आना जाना तो लगा रहता है...........
@ वाह अननद भैया पहली बार आप आये दिल खुश हो गया ...
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
ह्रदयस्पर्शी ,हृदयग्राही ,सुकोमल रचना .नव वर्ष मंगलमय हो .
दुआ है नववर्ष में आप ये स्पर्श महसूस करते रहे .....
सुन्दर अभिव्यक्ति | स्पर्श केवल भौतिक स्पर्श नहीं है,उससे गहरी चीज है। नए साल कि हार्दिक शुभकामनाएँ|
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
by email:
kanchan varansi :
आप का स्पर्श पढ़कर हो रहा है हर्ष!
नव वर्ष की हार्दिक बधाईयां। नया वर्ष आप और आपकी पत्नी के साथ माई के लिए भी खुशियों भरा हो।
@बब्बन जी धन्यवाद्!
@राजीव जी आपके कमेंट्स दिल को छूते हैं:)
@खुबसूरत शब्द के लिए धन्यवाद् तिलक सर:) व नीरज सर:)
@ संजय जी इतने सारे कोममेंट्स के लिए क्या कहूँ, दिल से धन्यवाद्!
@ पूनम जी (झरोखा), रश्मि रविजा जी तहे दिल से शुक्रिया.....
सिन्हा साब,
टच थेरेपी!
बढ़िया है!
आशीष
----
हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!
क्या बात कही है आपने!! हर स्पर्श का अपना ही एहसास होता है....शुक्रिया
bahut hi sundar ..
Pls Visit My Blog
Lyrics Mantra
Ghost Matter
मुकेश जी ... इसी को स्पर्श कहते हैं .. जो ऑंखें बंद करके भी महसूस किया जा सकता है .......
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ..
वाह साहब, खासी अच्छी शोध करी लगती है ;)
बहुत ही विहंगम, multi dimensional रचना...
लिखते रहिये ...
@ज्ञानचंद जी बड़ी अच्छी बात कही आपने:)
@ सतीश सर, कैसी ऊंचाई? हम तो बस आप सब से सीख रहे हैं....:)
@ वंदना जी, पूजा जी धन्यवाद्.............
@ धन्यवाद् व नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ अल्पना जी...
@मीनाक्षी, सुलभ व हर्ष धन्यवाद..........
@मुस्कान सदा मुस्कुराते रहें, मेरी भी ये कामना है:)
@डोरोथी आपको भी नव वर्ष की बहुत सारी शुभकामनायें......:)
@अमृता जी.........धन्यवाद और नव वर्ष की बधाई...:)
@हरकीरत जी ....आपके शुभकामनाओं की जरुरटी मुझे बराबर रहेगी...:)
@वीणा जी, कंचन जी धन्यवाद्...
@ Patali-The-Village thanx for ur valuable comments..
@रोहित...आपको भी नए साल की बधाई...:)
@आशीष जी, बस touch थेरेपी की कोशिश की है...:प
@ हाँ पूनम जी , हर स्पर्श को अलग तरह से व्यक्त कानर परेगा...
@Harman thanx...
@दिगंबर जी, हमने भी आँखे बंद की कुछ फील किया और लिख मारा...:डी
@मजाल साहब...आपको क्या कहूँ...आप तो खुद लाजबाब हो..:)
happy new year dost
same to you
minakshhi:)
मुकेश जी बहुत ही अच्छे तरीके से स्पर्श का वर्णन किया आपने ............... हाँ शायद सारे बयाँ सही कह रहे ... टूटती हुई सांसों को किसी के मीठे बोल को सुनना. रुके हुए कदम को आगे बढ़ने का हौसला देना .... दूरी में भी मै ठीक हूँ सुन लेना ये कोमल स्पर्श ही हैं जो जीवन में काफी मायने रखते हैं...........
अलग-अलग प्रकार के स्पर्शों की व्याख्या बहुत अच्छी लगी...। मेरी बधाई...।
अलग-अलग प्रकार के स्पर्शों की व्याख्या बहुत अच्छी लगी...। मेरी बधाई...।
At BOP Realty, we offer a wide range of real estate services in Noida, catering to both buyers and sellers. Whether you are looking for a cozy apartment, a spacious house, or a commercial property, we have options that fit your needs and budget. Our team of experienced professionals is here to guide you through every step of the process, ensuring that you make informed decisions.
visit now - https://bop.in/
Post a Comment