आईने में जब भी देखा
तेरा अक्स
लगाया काजल का टीका,
माथे के बाएं कोने पर
आइने के उपर !
डर था कि कहीं,
नजर न लगे तुम्हे
या चकनाचूर हो जाये
आईना ............ !!
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे .......
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पुस्तक मेला !
मेले में हम
मेले में मैं और तुम
पढेंगे प्रेम गीत-कविता-गजल
मैं इस स्टाल
तुम दुसरे स्टाल !!
दो अनजाने प्यार में .....
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हाँ दिखी थी
नजरें भी मिली
हाँ, पर दोनों आगे बढ़ गए
डीवाईडर क्या न करवाए
चाहतें मिलने की भी थी
पर बहुत दूर तक
यु-टर्न नहीं था
आखिर कितनी दूर तक जाते ...........
पलटता चेहरा आगे कि ओर देखने लगा ... !!
चंद्रकांत देवताले हमिंग बर्ड के साथ |
smile emoticon
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