जिंदगी की राहें

जिंदगी की राहें

Followers

Friday, March 28, 2014

उदास कविता

दिल्ली फिल्म फेस्टिवल से ली गई एक तस्वीर

मैं भी लिखना चाहता हूँ

एक कविता उदासी पर

पाब्ला नेरुदा की तरह !

उकेरुंगा पन्नो पर

अंधकार, दर्द, व तिरस्कार

दर्द व घुटन का लबादा ओढ़ कर

रचूँगा शब्दचित्र

अश्कों भरी स्याही से

पर, मेरे अंदर की सोच

कभी कलम की नोक से

फूटती है मुस्कान

तो कभी दाँत दिखाते

झिलमिलाते सितारे

क्या जरूरी है उदास होना

एक उदास कविता के सृजन हेतु !


चलो काटो चिकोटी

या मारो थप्पड़

शायद ऐसे ही उदास सोच जन्में

या फिर सोचता हूँ वो चेहरा

हाँ वही !!

मेरे असफल प्रेम का प्रतीक !!

अब तो लिख पाऊँगा न !!

एक उदास कविता !!

गूगल से


3 comments:

Unknown said...

बहुत खूब / बहुत उम्दा

एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''कोई न सुनता उनको है, 'अभी' जो बे-सहारे हैं''

Preeti 'Agyaat' said...

मुस्कान सलामत रहे, उदासी की कविता लिखना बिल्कुल ज़रूरी नहीं !

आभा खरे said...

जब हँसते .. खिखिलाते तारों का साथ हो .. तो क्या जरूरी है .. उदास कविता !!
बेहतरीन अभिव्यक्ति