ताजमहल की
एतिहासिक पृष्ठभूमि
यमुना नदी के जल की
कल कल ...
और
हम तुम !
खामोश जुबान
खामोश निगाहें..
पर
गुनगुनाता दिल !
जब हो हाथ में हाथ
साथ में हो वो !!!
ऐसी हो प्रीत !!
बेशक न हो साथ
तो भी काल्पनिक
क्षणिक
स्वपन !
उसके साथ का ...!
ला देती है
मनभावन
सुखद
खुबसूरत
मादक -
अहसास !!!
भर जाते हैं
गुदगुदाते
जज्बात...!!
करते हैं
नृत्य !!
खिलखिला उठता है
मनमयूर....!!
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
64 comments:
bahut hi sundar geet....
Bahut hi sundar prem geet
wat an imagination Sir ji ....
sach hai ki priyatam ki anubhooti ke liye yeh zaroori nhi ki vo sath bhi ho . one can feel its lover widin him.so nice words ....really beautiful:))
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
बहुत खूब ... अनुपम भाव
कोमल से भाव लिए सुंदर प्रेमगीत
nice presentation.धिक्कार तुम्हे है तब मानव ||
बहुत सुंदर भावभिव्यक्ति...:)
too good to feel some one within u even if he / she is far away still near with u in ur heart everywhere....nice poem ....keep it up....all the best
बहुत सुन्दर....
अनु
हाय |||
बहुत सुन्दर प्रेमपूर्ण रचना...
:-)
ताजमहल और तुम और प्यार और सुकून
बारिश का रंग दिखने लगा है..ताज,प्रीत ,अनुभूति..वाह भई वाह.
कोमल भावो से सजी रचना .....
भाई मेरे कलवाली भी तस्वीर सटीक होती इस रचना पर .... !!
और ये रचना *शब्दों के चाक* पर क्यों नहीं दिखी ?
बहुत सुन्दर है ये गीत.... अनमोल हैं ,इसके बोल .... शुभकामनाएं .... :)
प्यारा गीत..
बहुत सुन्दर ..बढ़िया लिखा है
अनमोल भावो से सजाई ..दिल से निकली एक प्यार भरी फुहार ...ताज महल की तरह ही प्रेम में भीगी हुई ...
प्रभावशाली प्रस्तुती....
तुम्हारी कल्पना की दाद देनी होगी ...वाह बहुत खूब
Tajmahal ki sundarta aur location hai hi itna manbhavan aur manmohak ki mann me aise bhav aana swabhawik hain... Bahut sundar rachna.. Anmol
सुंदर प्रेमगीत....
badi pyari si kalpna... ati sundar jajbaat.
..... प्यार और ताजमहल सुंदर प्रेमगीत....!!
आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)
khamosh nigahen khamosh jubaan ...gungunata dil .... kshanik kalpna matra se khilkhila utha man mayur ..... gar kahin haqeekat hota to ??? adbhut hota na :)
ताज के किनारे यमुना की लहरों में अनुभूतियों का ख्वाब ...बढ़िया है !
सुन्दर रचना है मुकेश जी.
जय हो, सुंदर कविता, बेहतरीन
प्रभावशाली रचना ...!
मुकेश कुमार जी आपके ब्लॉग का तो मुझे पता ही नहीं था अच्छा हुआ आपने बता दिया आपको फोलो कर लिया है ताकि आप की रचना मेरे एग्रीगेटर तक पहुचे और मैं चर्चा में शामिल कर सकूँ आपकी रचना बहुत सुन्दर लगी बहुत बधाई हो सके तो मेरे ब्लॉग पर भी तशरीफ़ रखिये आपका वहां स्वागत है
खिलखिला उठता है
मनमयूर....!!
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
मुकेश जी,सुन्दर भावमय प्रेम
गीत लिखा है आपने.
प्रस्तुति के लिए आभार.
शायद तुम्हारे कोमल भाव सुन यमुना पसीजे..लौट आये उसी कल कल छल छल! के साथ...
बहुत भावपूर्ण रचना...बधाई...
Dil ko chuti prem ki adbhut bhavavyakti...anokha ehsaas...pavan pyaar ka...laazwab :)
भावमय अभिव्यक्ति।
अति सुन्दर मनभावन प्रस्तुति।
कोमल स्पर्श संजोये मार्मिक
अभिव्यक्ति।
साधुवाद।
आनन्द विश्वास
अनुपम भाव |
शुभकामनाएं ||
बहुत सुन्दर शब्दों में अभिव्यक्ति है.
सुन्दर रचना
सुन्दर रचना
जज्बात...!!
करते हैं
नृत्य !!
खिलखिला उठता है
मनमयूर....!!
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
sundar ..komal ..man ke bhaav ...preet page ...!!
sundar rachanaa ...!badhai.
भावपूर्ण रचना...
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
क्या बात...बड़ी प्यारी कविता है..
बहुत सुंदर भावभिव्यक्ति....बधाई
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल...
....बहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति...
gahre jajbat hai... sunder prastuti.
हाँ ,राधा-कृष्ण भी कहाँ साथ रह पाये थे - पारस्परिक अनुभूति ही तो थी !
अति सुन्दर मनभावन प्रस्तुति।
कोमल स्पर्श संजोये मार्मिक
अभिव्यक्ति।
जितनी तारीफ करी जाए , कम है !
बहुत सुन्दर गीत ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति।
था तो बहुत बधिया , लेकिन ये था क्या ???
सुंदर भावव्यक्ति
शाश्वत प्रेम....बधाई
प्रेम की लाजबाब भावाभिव्यक्ति दुबारा पढ़ी
आपने तो प्रेम गीत भी बहुत सुन्दर लिख दिया ,
सुन्दर शब्द सुन्दर अभिव्यक्ति.
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी .
आपने तो प्रेम गीत भी बहुत सुन्दर लिख दिया ,
सुन्दर शब्द सुन्दर अभिव्यक्ति.
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी .
आपने तो प्रेम गीत भी बहुत सुन्दर लिख दिया ,
सुन्दर शब्द सुन्दर अभिव्यक्ति.
बहुत बहुत बधाई मुकेश जी .
खूबसूरत चित्र और प्यार का सुखद एहसास। वाह!
छोटे-छोटे शब्द, पर प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति
सुंदर अभिव्यक्ति....
सादर।
प्यार और ताजमहल सुंदर प्रेमगीत
Neetta Porwal: अनमोल नरम नाजुक से अहसास ...सुन्दर बहुत सुन्दर ... चहुँ ओर कस्तूरी सी सुगंध विकीर्ण करते से ...बहुत शुभकामनाये !!
19 hours ago · Unlike · 1
Dimple Kapoor: ek bhut hi acha prayaas Mukesh ji aapka yeh btane ke liye ki jo dil mein hai vo sath bhi reh sakta ....usko mann se anubhav kar sakte hum :))
18 hours ago · Unlike · 1
Shweta Agarwal: खामोश जुबान
खामोश निगाहें..
पर
गुनगुनाता दिल !
जब हो हाथ में हाथ
साथ में हो वो !!!....waaaaaahh kitna khubsurat ehsaas.....
गुदगुदाते
जज्बात...!!
करते हैं
नृत्य !!
खिलखिला उठता है
मनमयूर....!!
तुम्हारी अनुभूति
और तुम..
मेरे लिए अनमोल.....prem ke anmol bhaav....waaaaahh....kitna romantic likha hai aapne....:)
Zinda hai Shahjahan ki chahat ab talak.....
Gawah hai Mumtaj ki ulfat ab talak....
Bana to hai Tajmahal Pattharo se aye dost....
Par machalti hai Mohabbat ki dhadkane ab talak.
16 hours ago · Edited · Unlike · 1
Harvinder Singh Saluja: ~
Mukesh ji........lajawaab ehsaas..........
और
हम तुम !
खामोश जुबान
खामोश निगाहें..
पर
गुनगुनाता दिल !
जब हो हाथ में हाथ
साथ में हो वो !!!
ऐसी हो प्रीत !!
20 hours ago · Unlike · 1
bahut sunder prem geet
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