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पल
बीते हुए पल
गुजरे हुए पल
मीठे पल
दर्द भरे पल
आनंददायक पल
आह्लादित पल
उल्लासित पल
अनमोल पल
कसकदार पल
जज्बाती पल
लहूलुहान पल
खुनी पल
यादगार पल
उत्तेजित पल
उन्मादित पल
रोमांचकारी पल
रुआंसे पल
शांत पल
ठसकदार पल
आह भरते पल
बेशकीमती पल
जिंदगी के ये सारे पल!!
और इन पलो की
गुंथी हुई माला
बन जाती है स्मृतियां
यादगार स्मृतियाँ
अगर सहेज कर रखो
तो बन जाती है.......
जीने की आधार स्मृतियाँ .......
उपरोक्त पंक्तियाँ मैंने बस ऐसे ही सोचा और कागज में उतार दिया. फिर अपने एक मित्र ब्लॉगर "श्रीमती नीलम पूरी" को बताया तो उन्होंने कुछ मिनटों में इन पंक्तियों को एक सशक्त कविता में रूपांतरित कर दिया........! वैसे सच कहूँ तो उन्होंने एक तरह से मेरी पंक्तियों पे रोड रोलर ही चलाया है, लेकिन उनका कुछ मिनटों का प्रयास अच्छा लगा, इसलिए उसको नीचे लिख रहा हूँ......:
पल
जो बीत गए कल
जो कुछ मीठे कुछ खट्टे पल
वो कसक भरे, दर्द भरे पल
कुछ आनंद दायक कुछ आह्लादित पल
कुछ कसक से भरे हुए पल
कुछ बहा ले गए जज्बाती पल
कुछ लहूलुहान करते पल
कुछ खुनी खंजर से दिल में उतारते पल
वो प्रीत के यादगार पल
जो कर गए थे उत्तेजित वो पल
उन्मादित पल
कुछ कर गए रुआंसे से
कुछ रह गए बचे हुए शांत पल
कुछ ठसकदार पल
और बाकि आह भरते हुए पल
फिर भी बेशकीमती पल
जिंदगी के ये सारे पल
जो बन गयी मेरी यादो के
कुछ दर्द भरे कुछ हसीन पल
कुछ कर गए उल्लासित वो बीते हुए पल
कुछ खुनी खंजर से दिल में उतारते हुए पल
और इन पलो की
गुंथी हुई माला
बन जाती है स्मृतियां
यादगार स्मृतियाँ
अगर सहेज कर रखो
तो बन जाती है.......
जीने की आधार स्मृतियाँ .......